कोकिला व्रत की ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से सभी सुखों की प्राप्ति होती है। यह दांपत्य जीवन को खुशहाल होने का वरदान प्रदान करता है। इस व्रत के द्वारा मन के अनुरूप शुभ फलों की प्राप्ति होती है। शादी में आ रही किसी भी प्रकार की दिक्कत हो तो इस व्रत का पालन करने से विवाह सुख प्राप्त होता है। यह व्रत योग्य वर की प्राप्ति कराने में सहायक बनता है।
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देवी सती को जब अपने पिता के इस कार्य का बोध होता है तो वह उस यज्ञ में जाने के लिए तैयार होती हैं भगवान शिव उन्हें इस बात की इजाज़त नहीं देते, पर देवी सती की जिद के read more आगे हार जाते हैं और उन्हें जाने देते हैं। सती यज्ञ पर जाकर जब अपने पति का स्थान नहीं पाती तो अपने पिता दक्ष से इस बारे में पूछती हैं लेकिन दक्ष अपनी पुत्री सती और शिव का अपमान करते हैं। शिव के प्रति अपमान के शब्दों को वह सहन नहीं कर पाती हैं और उस यज्ञ के हवन कुंड में अपनी देह का त्याग कर देती हैं।
ஶ்ரீ லம்போ³த³ர ஸ்தோத்ரம் (க்ரோதா⁴ஸுர க்ருதம்)
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व्रत के दौरान महिलाएं उपवास रखती हैं और शिव जी आरती और माता पार्वती की पूजा करती हैं।
इस व्रत को करने से दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
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मंदिर जाकर भगवान शिव का गंगाजल और पंचामृत से अभिषेक करें।
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ஶ்ரீ க³ணேஶ மூலமந்த்ரபத³மாலா ஸ்தோத்ரம்
स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य देकर दिन का आरंभ करें।
शिवजी और सती माता का ध्यान कर व्रत का संकल्प लें।
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